न्यु कैसल के पास उन्होंने कैनेडियन नदी को पार किया। इसके तुरन्त बाद वे मैदानी इलाकों के वास्तविक रेड-इण्डियन जनजाति के लोगों से पहली बार मिले— यह कम्बल ओढ़ने वाली विचिता जनजाति का एक कबीला था। इसके मुखिया ने वाकर द्वारा पेश की गयी व्हिस्की के दो-चार घूँट लगाने के बाद खुलकर बातचीत की, उसे लम्बी-चौड़ी शिक्षा दी और उसी व्हिस्की के एक क्वार्ट बोतल के बदले में यिग के अभिशाप से बचने का एक मंत्र वाकर को दिया।
सप्ताह के अन्त में विचिता इलाके की अपनी जमीन पर वाकर-दम्पत्ति पहुँच गये। तुरत-फुरत में उन दोनों ने अपनी जमीन का सीमांकन किया और अपने लिए केबिन के निर्माण से पहले बसन्तकालीन खेती की तैयारियाँ शुरू कर दी।
Write a comment ...