• Jaydeep Shekhar
    Jaydeep Shekhar
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शरद ऋतु

  • 8 Aug, 2023

यिग एक महान देवता जरूर था, लेकिन उसका अभिशाप भयानक होता था। वह चीजों को भूलता नहीं था। शरद काल में उसके बच्चे भूखे और क्रूर हो जाते थे, यिग स्वयं भी इन दिनों भूखा और क्रूर हो जाया करता था। मक्के की फसल कटने के कुछ हफ्तों बाद बाद शरद ऋतु का आगमन हुआ। इसके साथ ही जनजाति समूहों ने यिग को दूर रखने के उपाय शुरू कर दिये। यिग को थोड़े मक्के अर्पित किये गये और पारम्परिक परिधानों में सीटी, नगाड़े, ताशे की धुनों पर नृत्य किये जाने लगे। ये नगाड़े यिग को दूर रखने के लिए लगातार बजाये जाते थे। इस दौरान जनजाति वाले ‘तिरावा’ से मदद की प्रार्थना भी करते थे; ‘तिरावा’ को मनुष्यों का पिता माना जाता था, जैसे कि यिग सरीसृपों का पिता था।

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